कोयलिया बोली रे अम्बुआ की डाल भजन लिरिक्स हिंदी में ।। Koyaliya Boli Re Bhajan Lyrics In Hindi

 कोयलिया बोली रे अम्बुआ की डाल अपनो कोई नहीं आ रे भजन लिरिक्स 

कोयलिया बोली रे,
अम्बुआ की डाल,
अपनो कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे।।

बाग लगाए बगीचा लगाए,
और लगाए केला रे बालम,
और लगाए केला,
जिस दिन राम प्राण निकल गयो,
रह गयो चांम अकेला,
अपनो कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे।।

तीन दीनाहलो तिरिया रोबे,
छमही नाहलो भाई रे बालम,
छमही नाहलो भाई,
जन्म-जन्म ओ माता रोबे,
कर गयो आस पराई,
अपनो कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे।।

पांच पचास बाराती आ गये,
ले चल ले चल होई रे बालम,
ले चल ले चल होई,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
जा गत सबकी होई,
अपनो कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे।।

कोयलिया बोली रे,
अम्बुआ की डाल,
अपनो कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे,
बिना राम रघुनंदन,
अपना कोई नहींआ रे।।


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