बताओं कहाँ मिलेगा श्याम भजन लिरिक्स हिंदी में ।। Batao Kaha Milenge Shyam Bhajan Lyrics in Hindi

बताओं कहाँ मिलेगा श्याम भजन लिरिक्स 

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बताओं कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

वो नन्हाँ सा बालक है,
साँवली सी सूरत है,
बाल घुंघराले उसके,
पहनता मोर मुकुट है,
नयन उसके कजरारे,
हाथ नन्हें से प्यारे,
बांधें पैंजनियां पग में,
बड़े दिलकश हैं नज़ारे,
घायल कर देती है दिल को,
उसकी इक मुस्कान,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

समझ में आया जिसका,
पता तू पूछ रहा है,
वो है बाँके बिहारी,
जिसे तू ढूँढ रहा है,
कहीं वो श्याम कहाता,
कहीं वो कृष्ण मुरारी,
कोई सांवरिया कहता,
कोई गोवर्धन धारी,
नाम हज़ारो ही है उसके,
कई जगह में धाम,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

मुझे ना रोको भाई,
मेरी समझों मजबूरी,
श्याम से मिलने दो,
बहुत है काम ज़रूरी,
सीढ़ीओं पे मंदिर के,
डाल कर अपना डेरा,
कभी तो घर के बाहर,
श्याम आएगा मेरा,
इंतज़ार करते करते ही,
सुबह से हो गई श्याम,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

जाग कर रात बिताई,
भोर होने को आई,
तभी उसके कानों में,
कोई आहट सी आई,
वो आगे पीछे देखे,
वो देखे दाए बाएं,
वो चारों और ही देखे,
नज़र कोई ना आएं,
झुकी नज़र तो कदमो,
में ही बैठा नन्हा श्याम,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

ख़ुशी से गद गद होकर,
गोद में उसे उठाया,
लगा कर के सीने से,
बहुत ही प्यार लुटाया,
पादुका पहनाने को,
पावं जैसे ही उठाया,
नजारा ऐसा देखा,
कलेजा मुँह को आया,
काँटे चुभ चुभ कर के,
घायल हुए थे नन्हें पाँव,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

ख़बर देते तो खुद ही,
तुम्हारे पास मैं आता,
ना इतने छाले पड़ते,
ना चुभता कोई काँटा,
छवि जैसी तू मेरी बसा के,
दिल में लाया,
उसी ही रूप में तुमसे,
यहाँ मैं मिलने आया,
गोकुल से मैं पैदल आया,
तेरे लिए बृजधाम,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।

श्याम की बाते सुनकर,
कवि वो हुआ दीवाना,
कहा मुझको भी दे दो ,
अपने चरणों में ठिकाना,
तू मालिक है दुनिया का,
यह मैंने जान लिया है,
लिखूंगा पद तेरे ही,
आज से ठान लिया है।
श्याम प्रेम रस बरसा सोनू,
खान बना रसखान,
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम,
चरण पादुका लेकर सब से,
पूछ रहे रसख़ान।


अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

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